नीचे मिलेटस पर 2 निबंध दिए गए हैं (essay on millets in Hindi)। इन्हें आप अपने बच्चों की स्कूल की पढाई के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इनके title या content को अपनी आवश्यकता अनुसार बदल सकते हैं।
मिलेट्स पर निबंध – 1 (500 शब्द)
Title: मिलेट्स और उनके स्वास्थ्य लाभ
संयुक्त राष्ट्र के मिलेट्स को विश्वभर में मान्यता प्राप्त होने पर 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में घोषित किया गया है, और भारत इनका सबसे बड़ा उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातकर्ता है। भारत सरकार चाहती है कि भारत विश्व का केंद्र बने और 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष को ‘लोगों के आंदोलन’ में बदला जाए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने हाल के बजट प्रस्तुत करते समय मिलेट्स को ‘श्री अन्ना’ कहा, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उनका आहार में क्रियात्मक भूमिका है।
मिलेट्स, जैसे कि सोर्गम मिलेट (ज्वार), प्रोसो मिलेट (चेना / बर्री), पर्ल मिलेट (बाजरा), फॉक्सटेल मिलेट (काकुम / कांगनी), फिंगर मिलेट (रागी), ब्राउनटॉप मिलेट (कोरले), बार्नयार्ड मिलेट (सांवा), और लिटिल मिलेट (मोरैयो), सदियों से भारतीय कृषि और भोजन का हिस्सा रहे हैं। हाल की जी-20 बैठक ने दिखाया कि मिलेट्स का वैश्विक आकर्षण है, जब इनसे तैयार किए गए विभिन्न देशों के नेताओं को श्री अन्ना व्यंजनों से परोसा गया।
मिलेट्स के इंटरनेशनल ईयर के मौके पर ये केवल प्रतीकित हस्तक्षेप नहीं हैं, बल्कि ये उन कई लाभों का साक्षात्कार हैं जो ये दानेदार अनाज प्रदान करते हैं। मिलेट्स का खासीतरह से प्रसारण, ग्लूटेन-मुक्त, और शरीर को विषैले पदार्थों से मुक्त करने में सक्षम हैं। इनमें नायसिन (विटामिन बी3) शामिल है, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकता है, इससे ये दिल के स्वास्थ्य के लिए उत्कृष्ट चयन बनते हैं। अनुसंधान सुझाव देता है कि मिलेट्स का नियमित सेवन स्तन कैंसर से बचाव कर सकता है और टाइप 2 डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
इसके अलावा, मिलेट्स रक्तचाप को कम करने और हृदय रोगों से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनकी पौष्टिक प्रोफाइल श्वास रोगों जैसे अस्थमा के इलाज में भी मदद करती है। विभिन्न प्रकार के मिलेट्स का विविध सीरीज भी किडनी, लिवर, और प्रतिरक्षा प्रणाली के स्वास्थ्य को सुधारने में योगदान करती हैं। जिनकी गुणधर्मों में पेट के अल्सर या कोलन कैंसर जैसी आंतरजन्य अवस्थाओं का खतरा कम होता है, मिलेट्स एक आरोग्यपूर्ण आहार में अद्वितीय योगदान हैं।
केंद्र सरकार के सक्रिय प्रयासों का हिस्सा बनने का स्ट्रैटेजिक प्रचार में, खाद्य महोत्सव या सम्मेलन, विदेशियों को आकर्षित करने और श्री अन्ना से बने उत्पादों की निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। यह रणनीतिक प्रचार खासकर जी-20 मीटिंग के दौरान स्पष्ट था, जब विश्व नेताओं को इन अनाजों से बने व्यंजनों से परोसा गया।
समापनरूप में, मिलेट्स केवल अनाज नहीं हैं; ये पौष्टिक शक्ति के गृहस्थान हैं जिनमें एक रिच सांस्कृतिक इतिहास है। हम अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष की सेलिब्रेट करते हैं, आइए इन विभिन्न अनाजों को हमारे दैहिक आर्थिक का हिस्सा होने के न केवल लिए, बल्कि उन अमूल्य स्वास्थ्य लाभों की प्रशंसा और मूल्यांकन के लिए गले मिलाएं। ‘श्री अन्ना’ पहल केवल सरकारी प्रयास नहीं है, बल्कि एकल व्यक्तियों को बुलाने के लिए एक आह्वान है कि वे मिलेट्स के इन अविश्वसनीय लाभों को हमारी प्लेट और हमारे जीवन में लाएं।
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Millets पर निबंध – 2 (200 शब्द)
Title: मिलेट्स: पौष्टिकता का संग्रहणस्थान
मिलेट्स को संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित करके वैश्विक पहचान प्राप्त कर ली है। भारत, मिलेट्स का सबसे बड़ा उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातकर्ता होकर, इस पौष्टिक क्रांति में कुशल भूमिका निभा रहा है। मिलेट्स को भारत में ‘श्री अन्ना’ का नाम दिया गया है।
ये छोटे अनाज, जैसे कि जवार (Sorghum), बाजरा (Pearl Millet), रागी (Finger Millet), काकुम, कांग (Foxtail Millet), सांवा (Barnyard Millet), कोदो (Kodo Millet), कुटकी (Little Millet), चेना (Proso Millet), सदियों से भारतीय कृषि का अभिन्न हिस्सा रहे हैं। हाल की मिलेट्स पर जोर देना सिर्फ उनके सांस्कृतिक महत्व की पहचान ही नहीं है, बल्कि उनके स्वास्थ्य लाभों की स्वीकृति भी है।
मिलेट्स ग्लूटेन-मुक्त हैं, जो उन्हें ग्लूटेन संबंधित समस्याओं वालों के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प बनाता है। इसके अलावा, वे पोषण और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर हैं, जो समग्र कल्याण को बढ़ावा देते हैं। हाल की भारत सरकार की पहल, जैसे कि जी-20 मीटिंग के दौरान मिलेट व्यंजनों की सेवा और उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंचों में प्रचारित करना, मिलेट्स को एक वैश्विक सुपरफ़ूड के रूप में स्थापित करने का उद्देश्य है।
ये अनाज पर्यावरण-मित्र दृष्टिकोण भी लेकर आते हैं। मिलेट्स कम पानी में बढ़ने वाली फसल होती है एवं विभिन्न जलवायु स्थितियों के लिए अच्छी तरह से अनुकूलित हैं, जिससे ये खाद्य सुरक्षा के लिए जरूरी हैं।
समापनरूप में, मिलेट्स केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा नहीं हैं; ये आधुनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण संघर्षों का समाधान हैं। हम अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष की सेलिब्रेट करते हैं, आइए इन अनुपम स्वास्थ्य लाभों के लिए और हमारे आहार को परिवर्तित करने और एक और सतत भविष्य के लिए योगदान करने की उनकी क्षमता को देखकर इन अनाजों को अपनाएं।
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